सत्यता यही है सड़क पर नेता को माला पहनाने से धक्का मुक्की करके फेसबुक के लिए फ़ोटो खिंचवाने से नेता नहीं बना जा सकता मेहनत लगती है संघर्ष करना पड़ता है मगर मेरे नेता श्री राजबब्बर जी के लिए मैंने अपना प्रण तोड़ा और सड़क पर खड़े होकर उनका स्वागत सत्कार किया क्योंकि वो मेरे जैसे नौजवान युवाओं के दिलों में बसते हैं।
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