निवेश यानी रकम लगाना, विनिवेश यानी रकम निकालना। केंद्र सरकार ने कुछ केंद्रीय सरकारी उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर रकम निकालने का फैसला लिया है। एक महत्वपूर्ण फैसले में हाल में केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि भारत पेट्रोलियम में सरकार अपनी समूची हिस्सेदारी-53.3 प्रतिशत, शिपिंग कारपोरेशन आफ इंडिया में असनी समूची हिस्सेदारी 63.8 प्रतिशत, कोनकार में 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी किसी रणनीतिक निवेशक को बेच देगी। तमाम उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर सरकार रकम तो हासिल कर लेती है, पर क्या विनिवेश से सरकारी उपक्रमों का हाल बेहतर हो जाता है। इस सवाल का जवाब हमेशा हां में नहीं मिलता, टेलीफोन कंपनी एमटीएनएल इसका एक नमूना है। विनिवेश प्रक्रिया क्या अपने उद्देश्य हासिल करने में सफल रही है।
ANCHOR: आलोक पुराणिक
GUESTS: अजय शंकर, पूर्व उद्योग सचिव
शिशिर सिन्हा, पत्रकार, बिज़नेस लाइन
REPORT: KESHARI PANDEY
EDITOR: IMRAN KHAN
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